PKVY : परंपरागत कृषि विकास योजना जैविक खेती के लिए सरकारी सहायता और प्रशिक्षण


🌿PKVY : योजना का उद्देश्य

परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) का मुख्य उद्देश्य किसानों को रासायनिक मुक्त, पर्यावरण अनुकूल और कम लागत वाली जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह योजना प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY) के तहत संचालित होती है और किसानों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, प्रमाणन और विपणन में सहायता प्रदान करती है।

PKVY : परंपरागत कृषि विकास योजना जैविक खेती के लिए सरकारी सहायता और प्रशिक्षण
PKVY : परंपरागत कृषि विकास योजना जैविक खेती के लिए सरकारी सहायता और प्रशिक्षण

💰 PKVY : वित्तीय सहायता का विवरण

PKVY के तहत किसानों को 3 वर्षों के लिए प्रति हेक्टेयर ₹31,500 की सहायता प्रदान की जाती है, जो निम्नलिखित प्रकार से वितरित होती है:

सहायता का प्रकारराशि (₹/हेक्टेयर)अवधि (वर्ष)विवरण
जैविक इनपुट्स के लिए DBT₹15,0003जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट, कीटनाशक आदि के लिए
प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण₹9,0003किसानों को जैविक खेती के प्रशिक्षण के लिए
प्रमाणन और अवशेष विश्लेषण₹3,0003जैविक प्रमाणन और गुणवत्ता जांच के लिए
विपणन, पैकेजिंग, ब्रांडिंग आदि₹4,5003उत्पादों के विपणन और ब्रांडिंग के लिए
कुल सहायता₹31,5003

👩‍🌾 PKVY :पात्रता मानदंड

  • किसान या किसान समूह जिनके पास अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि है।
  • क्लस्टर आधारित समूह (कम से कम 20 किसान) जो 50 एकड़ क्षेत्र में जैविक खेती करना चाहते हैं।
  • महिला किसान, अनुसूचित जाति/जनजाति के किसान और पिछड़े क्षेत्रों के किसान प्राथमिकता में आते हैं।

📄 PKVY : आवश्यक दस्तावेज़

  • आधार कार्ड
  • भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र या पट्टा
  • बैंक पासबुक की प्रति
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • मोबाइल नंबर

📝 PKVY : आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन आवेदन:

  1. pgsindia-ncof.gov.in पर जाएं।
  2. “Farmer Registration” टैब पर क्लिक करें और आवश्यक विवरण भरें।
  3. क्लस्टर विवरण दर्ज करें या नया क्लस्टर बनाएं।
  4. आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
  5. आवेदन सबमिट करें और पुष्टि प्राप्त करें।(BYJU’S, Mahatma gandhi gramodaya univesrity blog)

ऑफलाइन आवेदन:

  1. निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), जिला कृषि कार्यालय या पंचायत कार्यालय जाएं।
  2. PKVY आवेदन फॉर्म प्राप्त करें और आवश्यक विवरण भरें।
  3. आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें और संबंधित अधिकारी को सबमिट करें।(Mahatma gandhi gramodaya univesrity blog)

🌱 PKVY : योजना के लाभ

  • मिट्टी की उर्वरता में सुधार और दीर्घकालिक स्थिरता।
  • रासायनिक मुक्त और पोषक तत्वों से भरपूर फसल उत्पादन।
  • स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों से सीधा संपर्क।
  • क्लस्टर आधारित समूहों के माध्यम से सामूहिक विकास और विपणन।
  • पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा।(myscheme.gov.in)

📌 निष्कर्ष

PKVY योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे जैविक खेती अपनाकर न केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकते हैं। सरकार की यह पहल भारत को जैविक कृषि में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


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